Monday, October 31, 2011
Sunday, October 23, 2011
Saturday, October 15, 2011
Coconut Oil as Home Medicine
रूखे और फटे होंठों पर सुबह शाम नारियल तेल लगाएं। रूखेपन की समस्या खत्म हो जाएगी।
फटी एड़ियों के लिए रात में सोने से पहले पेट्रोलियम जैली के साथ नारियल तेल की मालिश करें। सुबह गुनगुने पानी से पैर धो लें।
धब्बों की समस्या से परेशान हैं तो आधा चम्मच नारियल तेल में आधे नींबू का रस निचोड़े और चेहरे और कोहनी पर रगड़े, फिर गुनगुने पानी से धो लें।
आंखों का मेकअप साफ करने के लिए कॉटन बॉल पर थोड़ा सा नारियल तेल डाले और हल्के हाथों से आंखों को साफ करें।
नारियल के तेल की नहाने से पहले या फिर नहाने के बाद भी मालिश की जा सकती है। इससे त्वचा मुलायम और चमकदार रहेगी।
फटी एड़ियों के लिए रात में सोने से पहले पेट्रोलियम जैली के साथ नारियल तेल की मालिश करें। सुबह गुनगुने पानी से पैर धो लें।
धब्बों की समस्या से परेशान हैं तो आधा चम्मच नारियल तेल में आधे नींबू का रस निचोड़े और चेहरे और कोहनी पर रगड़े, फिर गुनगुने पानी से धो लें।
आंखों का मेकअप साफ करने के लिए कॉटन बॉल पर थोड़ा सा नारियल तेल डाले और हल्के हाथों से आंखों को साफ करें।
नारियल के तेल की नहाने से पहले या फिर नहाने के बाद भी मालिश की जा सकती है। इससे त्वचा मुलायम और चमकदार रहेगी।
Cold Home Medicine
जुकाम के घरेलू नुस्खे
मौसमी जुकाम के इलाज में हल्दी काफी फायदेमंद है। बहती नाक के इलाज के लिए हल्दी को जलाकर इसका धुआं लें, इससे नाक से पानी बहना तेज हो जाएगा व तत्काल आराम मिलेगा। यदि नाक बंद है तो दालचीनी, कालीमिर्च, इलायची और जीरे के बीजों को बराबर मात्रा में लेकर एक सूती कपड़े में बांध लें और इन्हें सूंघें जिससे छींक आएगी।
10 ग्राम गेहूं की भूसी, पांच लौंग और कुछ नमक लेकर पानी में मिलाकर इसे उबाल लें और काढ़ा बनाएं। एक कप काढ़ा पीने से लाभ मिलेगा। हालांकि जुकाम आमतौर पर हल्का-फुल्का ही होता है जिसके लक्षण एक हफ्ते या इससे कम समय के लिए रहते हैं, लेकिन खान-पान की आदतों को लेकर हमें काफी सतर्क रहना चाहिए और यदि जुकाम वगैरह के लक्षण दिखाई दे तो समुचित दवाओं आदि से इलाज कराना चाहिए। डिप्थीरिया होने पर अमलतास के काढ़े से गरारा करने पर जबर्दस्त आराम मिलता है।
तुलसी और अदरक इस मौसम में लाभदायक होते हैं। तुलसी में काफी उपचारी गुण समाए होते हैं, जो जुकाम और फ्लू आदि से बचाव में कारगर हैं। तुलसी की पत्तियां चबाने से कोल्ड और फ्लू दूर रहता है। इसी तरह तुलसी और बांसा की पत्तियां (प्रत्येक 5 ग्राम) पीसकर पानी में मिलाएं और काढ़ा तैयार कर लें। इससे खांसी और दमा में काफी फायदा मिलेगा।
10 ग्राम गेहूं की भूसी, पांच लौंग और कुछ नमक लेकर पानी में मिलाकर इसे उबाल लें और काढ़ा बनाएं। एक कप काढ़ा पीने से लाभ मिलेगा। हालांकि जुकाम आमतौर पर हल्का-फुल्का ही होता है जिसके लक्षण एक हफ्ते या इससे कम समय के लिए रहते हैं, लेकिन खान-पान की आदतों को लेकर हमें काफी सतर्क रहना चाहिए और यदि जुकाम वगैरह के लक्षण दिखाई दे तो समुचित दवाओं आदि से इलाज कराना चाहिए। डिप्थीरिया होने पर अमलतास के काढ़े से गरारा करने पर जबर्दस्त आराम मिलता है।
तुलसी और अदरक इस मौसम में लाभदायक होते हैं। तुलसी में काफी उपचारी गुण समाए होते हैं, जो जुकाम और फ्लू आदि से बचाव में कारगर हैं। तुलसी की पत्तियां चबाने से कोल्ड और फ्लू दूर रहता है। इसी तरह तुलसी और बांसा की पत्तियां (प्रत्येक 5 ग्राम) पीसकर पानी में मिलाएं और काढ़ा तैयार कर लें। इससे खांसी और दमा में काफी फायदा मिलेगा।
Monday, October 10, 2011
A Rich Tribute to Dr. V. D. Nagar
Ar. Achal K Choudhary - "Our beloved father figure executive director and advisor, Institute of Business Management & Research IPS Academy Dr. V D Nagar departed his soul yesterday evening for heavenly adobe, May God Give strength to family's member to bear this great loss and may rest devine soul in heavenly peace.........."
प्रसिद्ध अर्थशास्त्री डॉ. विष्णुदत्त नागर का रविवार शाम को हार्ट अटैक से निधन हो गया। वे 82 वर्ष के थे। उन्होंने अर्थशास्त्र की लगभग 25 से अधिक किताबें लिखी। अर्थशास्त्र में पीएचडी कर डॉक्टरेट की उपाधि लेने वाले वे प्रदेश के पहले व्यक्ति थे और उनके अधीन 96 शोधार्थियों ने पीएचडी की उपाधि ली है। डॉ. नागर मध्यप्रदेश योजना आयोग और किसान आयोग के सदस्य रहे। भारत सरकार ने 1986 में उन्हें राष्ट्रीय शिक्षक नियुक्त किया था।
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